बच्चे मन के सच्चे होते हैं। बचपन में आप उन्हें जैसा सिखाएंगे, बोलेंगे, करने के लिए कहेंगे वैसा वह सिखते जाएंगे। साथ ही यह भी कहा जाता है कि बचपन की सिखाई हुई चीज
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