खिलौने वही सच्चे होते हैं जिनके साथ खेलते समय उनके टूटने का भय न हो।नए युग के अधिकांश महंगे खिलौनों के साथ ये डर मुफ्त में चला आता है। खेलने से ज्यादा इन्हें सम्हालकर खेलने की हिदायत का जोर आनंद में बाधा बना रहता है। बच्चे निडर भाव से खेलें, आनंद ...
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