हाल ही में 12वीं के नतीजे घोषित हुए। आत्महत्याओं का दौर एक बार पुनः चल पड़ा। अनुत्तीर्ण होने की निराशा इस कदर आजकल के बच्चों पर हावी होती है कि वे ऐसा नकारात्मक कदम उठा लेते हैं।
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